पदमा की कहानियां: महिला लेखन के नजरिए से राजनारायण बोहरे हिन्दी कहानी का यह सबसे अच्छा समय कहा जा सकता है जबकि किसी एक आन्दोलन के बगैर लगभग पांच सौ कहानीकार एक साथ अपने निहायत निजी अनुभव के साथ परिवेश, बोली और संस्कृति की खासियत तथा मुद्दों के वैविध्य से हिन्दी कहानी को समृद्ध करते हुऐ सृजन कर रहे हैं, इनमें काशीनाथसिंह और पुन्नीसिंह जी जैसे वरिष्ठ कथाकारों से लेकर कलकत्ता के पंकज मित्र जैसे किंचित नये लेखक हैं तो लेखिकाओं में मृदुला गर्ग,चित्रा मुदगल, मैत्रेयी पुष्पा से लेकर पदमा शर्मा जैसी नई लेखिका अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज करा रही