नूपुर रीछों के बाहर जाने से पहले ही उठ गई. आज उसने रीछों के साथ बाहर जाने का फैसला कर लिया था. रीछों के साथ रहते उसे यहां कई दिन हो गए थे.यहां उसका मन ऊबने लगा था. वैसे भी रीछों के साथ जाने से दो फायदे थे.पहले तो उसे इस जंगल की भौगोलिक स्थिति का पता लग जायेगा. दूसरे उसका मन बहल जायेगा. अभी नूपुर अपने विचारों में खोई हुई थी कि रीछों को बाहर जाते देखकर चौंक गई. उसने देर नहीं की ,फौरन रीछों के पीछे चल पड़ी. कुछ दूर तक तो नूपुर यूँही चलती रही. लेकिन,