सुनो सिमरन, तुम हॉस्पिटल नहीं जाओगी। अपने बारे में ना सही हम घर वालों के बारे में तो सोचो दो छोटे बच्चे हैं तुम्हारे उनके बारे में तो सोचो।ऐसा कहकर दीपक कमरे के बाहर चला गया और सिमरन उसे जाते हुए एक तक देखती रही।जब से देश में कोरोनावायरस का कहर आया है, तब से देश की व्यवस्था ही बिगड़ गई है।सिमरन जो कि एक नर्स है और एक नर्स होने की खातिर कोविड-19 पेशेंट की देखभाल करती है वह अपना फर्ज बहुत ही शिद्दत से निभा रही है लेकिन दीपक को डर है कि सिमरन का यह फर्ज कहीं