होने से न होने तक - 51 - अंतिम भाग

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होने से न होने तक 51. ‘‘कालेज से तुम्हारे अलावा कोई गया या नहीं?’’ ‘‘हॉ कुछ लोग गये थे। आफिस से कुछ लोग क्रिमेशन ग्राउण्ड भी गए थे। शाम को भी कुछ टीचर्स पहुची थीं। रोहिणी दी और मिसेज़ दीक्षित परसों से वहीं थीं। प्रैसैन्ट स्टाफ से भी कुछ लोग गये थे। कुछ नयी आयी टीचर्स भी।’’ दमयन्ती अरोरा के चेहरे पर एक सुकून जैसा कुछ थोड़ी देर के लिए ठहर गया था। फिर उन्होंने थकी सी लंबी सॉस ली थी,‘‘मैं कैसे जाती अम्बिका?’’उन्होने अजब ढंग से अटपटाते हुए कही थी यह बात। मुझे लगा था वह अपने न जा