लगभग एक दशक पूर्व हम केन्द्रीय सेवा के एक उच्चाधिकारी के घर किराये पर रहने गए। उस कोठीनुमा घर के पीछे वाले भाग में दो कमरों का निर्माण किराये पर देने के लिए ही किया गया था। उसके ठीक ऊपर वैसे ही दो कमरे और थे, हमारे प्रवेश द्वार के पास ही सीढ़ी थी, जो छत पर खुलती थी, और छत से ही ऊपर वाले कमरों में जाने का द्वार खुलता था। घर व्यवस्थित करने के बाद पहले शनिवार को हम कपड़े सुखाने छत पर गए तो एक बुजुर्ग सज्जन मिले, आयु होगी लगभग पचहत्तर वर्ष, शरीर स्वस्थ और तेजस्वी,