बटवारा नागपुर में सेठ करोड़ीमल नाम के एक बड़े उद्योगपति रहते थे। उनके पास खेती की काफी जमीन भी थी। पत्नी का देहान्त हो चुका था। अब परिवार में उनके अलावा उनके तीन पुत्र रमेश, महेश और उमेश व उनकी पत्नियां और बच्चे थे। उनका भरा-पूरा परिवार सुख से रह रहा था। सेठजी के एक मित्र थे राजीव। राजीव स्वयं बहुत बड़ी सम्पत्ति के मालिक एवं उद्योगपति भी थे। उन्होंने एक दिन सेठ जी को सलाह दी कि आपकी उम्र सत्तर के आसपास हो गई है, इसलिये आपको अपने सामने ही अपनी संपत्ति का बटवारा तीनों पुत्रों