होने से न होने तक - 48

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होने से न होने तक 48. अगले ही दिन मानसी जी एक सत्रह अठ्ठारह साल की लड़की को लेकर मेरे घर पहुंच गयी थीं,‘‘इसकी बड़ी बहन ने मदन भैया के घर काम किया था। वह अभी कुछ महीने पहले ही शादी करने के लिए अपने घर छत्तीसगढ़ लौट गयी है। आज यह उसकी छोटी बहन तुम्हारे ही पड़ोस के चौकीदार के साथ खड़ी दिख गयी। काम ढूंड रही है। हम इसे तुम्हारे लिए ले आए हैं।’’ ‘‘मानसी जी मैं क्या करुंगी। फुल्लो है तो। झाड़ू,पोछा,बर्तन-सारे काम वही करती है। अब मुझे किस काम के लिए ज़रुरत है भला। फिर उससे