मैं, मैसेज और तज़ीन - प्रदीप श्रीवास्तव भाग -6 मैंने पूछा ‘आप पहुंच गए ?’ तो वह बड़ा खुश होकर बोला ‘हां।’ उसे खुशी इस बात की भी थी कि वह एक और कदम मेरे करीब आ गया। मेरा नंबर अब उसके मोबाइल में था। उसने तुरंत पूछा ‘कहां हो तुम ?’ मैंने तुरंत कहा ‘बस पांच मिनट में पहुंच रही हूं।’ वह एकदम उतावला हो उठा कि बताओ कहां हो मैं आ कर ले लेता हूं। मैंने कहा ‘नहीं बस पहुंच ही गई।’ फिर फ़ोन काटकर देखने लगी उसे ध्यान से कि वह वही है जिसे रिंग किया। उसका