दोस्त की जुबानी

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दोस्त की जुबानी:बचपन में एक बार हल चलाने का शौक हुआ।अतः सुबह उठकर हाथ मुँह धो, बैलों को खेत में ले गया।वातावरण खुशनुमा था।घराट पर दो लोग आ चुके थे। खेत के पास बांज के दो पेड़, हिसालु की एक झाड़ी,नदी की कलकल और पहाड़ी चोटियों का सौन्दर्य मन को लुभा रहा था। पर इस सब में व्यवधान आने वाला था।आखिर शान्ति कितनी देर रह पाती है! एक बैल बहुत फुर्तीला था और दूसरा सीधा-सादा। पहले जुए को सीदे बैल जिसका नाम ग्यौंई था उसके कंधे पर रखा और वह आज्ञाकारी की तरह कंधा दे दिया। दूसरा बैल जिसका नाम