1.माँ !याद है मुझे, जब बचपन मै मैं गलतियां करती थी, तब तु मेरी शरारतो को माफ कर, मुझे प्यार से समजाती भी थी|पर आज जब भूल होने पर दुनिया डाटती हैं, तब तुझे याद करती हूँ माँ !माँ !खेलते वक़्त जब मुझे चोट लगती थी ना, तब मुझसे ज्यादा दर्द तुझे होता था, चिलाती मैं थी, पर परेशान तु होती थी, पर आज जब दुनिया की ठोकरे खाती हूँ ना, तब तुझे याद करती हूँ माँ !माँ !जब कोशिश करने पर भी मै हार जाती थी ना, तब तु ही मेरा हौसला बढाती थी, तु ही मुझे हिम्मत देती थी, पर आज जब दुनिया नाकामयाब कहती हैं ना, तब तुझे याद