सुबह के चार बजे

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में हमेशा से लिखना और पढ़ने पसंद करती हूं। मेरे पढने के अनुभवों के बाद मेंने लिखना शुरू किया। कुछ कहानियों को मैंने अपने निजी ज़िंदगी से जोड़ के देखा। मानो जो ढूँढ रही थी, मेरी जिंदगी का मक्सत मिल गया। इन कहानी से में वाचक मित्रों के साथ शेर करके अपना अनुभव बाटना चाहती हुं। में आशा करती हू आप सभी को ऐ कहानीया पसंद आये। एक किस्सा जो मुझे बेहद पसंद हैं। ऐ अनुभव किसी ना किसी के साथ अवश्य हुआ होगा। मैं विश्वविद्यालय में विद्यार्थी था। मेरे एक अध्यापक थे। में रोज सुबह चार बजे घूमने जाता। उन्होंने भी