घड़ा - विवेक मिश्र

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' घड़ा 'विशाल उठकर बिस्तर पर बैठ गए। उनके माथे पर पसीने की बूँदें चमक रही थीं। विशाल तेज़ी से बेडरूम से निकल कर ड्राईंगरूम में आ गए। शीतल फ़ोन पर बात करने में व्यस्त थीं। विशाल ने कमरे के कोने में रखे घड़े को उठाया और ड्राईंगरूम से निकल कर लॉन में आ गए। शीतल भी विशाल के पीछे-पीछे बाहर आ गईं। वह विशाल से कुछ कह पातीं तब तक विशाल ने उस बड़े राजस्थानी घड़े को, जिस पर कच्चे पर चटक रंगों से फूल-पत्तियाँ और