बाँकी

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बाँकी अपने बांकपन और सौन्दर्य को लेकर बुआ बेशक शुरू से बहुत सतर्क रहती आयों थीं किन्तु जब से एक टी.वी. चैनल ने अपने पुरस्कार समारोह में उन्हें ‘बेस्ट भाभी’ की ट्रॉफ़ी थमायी थी, वह कुछ ज़्यादा ही चौकस हो चली थीं उस दिन अपने कमरे की श्रृंगार मेज़ के सामने खड़ी होकर उन्होंने मुझे बुलाया और बोलीं, “इधर देख तो! मेरे गालों में झोल पड़ रहे हैं, आँखें अन्दर धसक रही हैं, ठुड्डी गरदन की ओर ढलक आयी है और जबड़े तो अपनी परिरेखा से बाहर निकल भागे हैं “मैं अब फ़ेस-लिफ़्ट करवाना चाहती हूँ.....” “अभी?” मैंने हैरानी जतायी,