एक चूहे का जिहाद

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बुधवार के दिन हृदय पर एक बोझ आ गया । रिद्धि सिद्धि के दाता गौरी पुत्र के खासमखास का मर्डर मेरे हाथों हो गया। जो में नही चाहता था । बात यूँ है कि इस दिन मूषक प्रजाति में गज़ब का कॉन्फिडेन्स होता है।इस दिन मालिक भये कोतवाल तो डर काहे का।बस इसी प्रचण्ड सोच के साथ उस अज्ञात मूषक ने बुधवार सुबह सुबह उस कोने के मकान की बॉर्डर पार कर पूरे घर मे आतंक का जो खेल खेला वो देर रात तक जारी रहा।बेहद सर्दिली और दर्दीली सुबह अतुल कुमार शर्मा समाचार पत्र के साथ मोबाइल जैसे यन्त्र