अंधेरी सुरंग में

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मित्रो । कभी सुभाष नीरव ने मेरी यह कहानी अपनी साइक्लोस्टाइल पत्रिका प्रयास में प्रकाशित की थी । बहुत अंधकार का समय था पंजाब में और लाॅकडाउन के दौरान फाइल की खंगाली में बुरी तरह पीली और खस्ताहाल है चुकी मिली यह कहानी । कहीं कटी फटी । लेखक तो मैं ही था । अनुमान से पूरी की और लीजिए हाज़िर आपकी अदालत में : अंधेरी सुरंग में कमलेश भारतीय रात भर मैं सो न सका । लाख कोशिशें करने पर भी नींद नहीं आई । करवट पर करवट बदली पर आंखों में नींद नहीं थी । आंखों के सामने