सत्ते मास्साब

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सत्ते मास्साब जितने योग्य अध्यापक हैं उतने ही अच्छे विद्यार्थी भी थे..छात्र जीवन से प्रारंभ हुआ उनका प्रतिभा प्रदर्शन आज तक बिला नागा गतिमान है..आज भी कोई बात हो भाई तुरंत धारा प्रवाह बोलते हैं जैसे सरस्वती मायी ने भाई कि जिह्वा पर स्थायी निवास बना लिया हो..भाई सगर्व आज भी उवाचते हैं.."आप में बस कान्फिडेंस होना चाहिए.. यह विश्वास ही है जो गलत को भी सही कर देता है "'होनहार विरवान के होत चीकने पात' सत्ते भाई प्राथमिक विद्यालय से ही अपने वचन पर अडिग रहने को दृढ़ संकल्पित थे..गुरुजन कुछ भी पूंछते..भाई का हाथ तुरंत ऊपर होता..प्रश्न कोई