दो बाल्टी पानी - 22

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गुप्ता जी और गुप्ताइन बड़े परेशान थे, कि पिंकी अब तक क्यूँ नहीं आई और मौसम उन्हें और डरा रहा था, गुप्ता जी आखिर पिंकी को ढूंढने घर से निकलने ही वाले थे कि तभी किसी ने जोर-जोर से दरवाजा पीटना चालू कर दिया, गुप्ता जी ने दरवाजा खोला और पिंकी को देख कर चैन की सांस ली, गुप्ता जी कुछ कहते इससे पहले पिंकी भाग कर अपने कमरे में चली आई, हवा से लालटेन की रोशनी भी कुछ कम ज्यादा हो रही थी| गुप्ताइन समझ गई कुछ गड़बड़ है, वह पिंकी के पीछे पीछे उसके कमरे में गई, कमरे