हनुमानजी से साक्षात्कार

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सोमवार खत्म होने को था,अतुल के चेहरे पर अगले दिन को लेकर एक बार फिर से चिंता की लकीरे उभर आई।। "मंगलवार" इस दिन को लेकर अतुल बहुत भयभीत रहता था।। लोगों में तरह तरह के अंधविश्वास होते हैं,कोई मैदान पर खेलने जाने से पहले अपना दायां पाँव पहले रखता है,, कोई जेब में लाल रुमाल रखता है,, कोई लिखा पढ़ी काले पेन से करना ही पसन्द करता है.... शायद अतुल को इस दिन का अंधविश्वास था, इस दिन वो कोई भी महत्वपूर्ण काम नही करता.बस नही चलता वरना अतुल इस दिन घर से बाहर ही ना निकले।। जो दिन