रोबोट वाले गुण्डे -3

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आठ बजे थे। घंटी बजाने पर दरवाजा खोला प्रो. दयाल के नौकर ने। अजय-अभय ने नौकर से कहा कि वह प्रो. दयाल से कहे कि अजय-अभय उनसे मिलने आये हैं। नौकर से समाचार सुनकर प्रोफेसर दयाल तत्काल वहाँ आ गये। “हलो, भतीजों, क्या हाल हैै“ “नमस्ते अंकल हमारे हाल तो बिल्कुल खराब हैं, दोनांे एक स्वर में बोले। “क्या भई, क्या हुआ?“ “हमारे अंकल ही हमसे अपना नया आविश्कार और प्रयोग छिपा रहे हैं तो आप ही बताइये अंकल,