कर्म पथ पर - 56

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कर्म पथ पर Chapter 56रामरती को इस घर में सदा माँ का ही सम्मान मिला था। माधुरी और स्टीफन से उसे एक लगाव सा हो गया था। वह समझ गई थी कि मुसीबत बड़ी है। स्टीफन ने उससे माधुरी और उसके बच्चे की हिफाजत करने को कहा था।‌ उसका कर्तव्य बोध जागा। उसने रोती हुई माधुरी से कहा,"रो मत बिटिया। अपनी और बच्चे की रक्षा करना अब तुम्हारी ज़िम्मेदारी है। उठो....'तभी अचानक काँच के टूटने की आवाज़