केसरिया बालम - 9

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केसरिया बालम डॉ. हंसा दीप 9 फूटती कोंपल और तभी प्रकृति ने मदद कर दी। बाली और उसके प्यार का जीता-जागता संकेत मिल गया। उसके पेट में बाली के प्यार का बीज अंकुरित हो रहा था। जब बाली को यह खबर मिली तो उछल पड़ा वह। बहुत खुश हुआ। इतना खुश जितना शादी के दिन भी नहीं था। समय एक बार फिर धानी के लिये वैसी ही खुशियों का पैगाम लेकर आया था। बाली का चहकता चेहरा देखकर मन की सारी दुविधाएँ खत्म हो चली थीं। उसे बच्चों से बहुत प्यार था। पगला है बाली भी। उसे प्रेम को आकार