नशा।

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प्रिय पाठकों, हम इंसानों की एक बहुत ही खास आदत होती है, सच पूछिए तो हमें हर चीज की पहले पहल बुराई दिखती है, अच्छाई हमें दिखती ही नहीं या हम उसे देखना नहीं चाहते हैं , उसे हमें जबरदस्ती दिखानी पड़ती है । खैर , आज तक किसी ने नशा का सटीक और विस्तार से चर्चा नहीं की । मालूम नहीं मुझे नशा आखिर है क्या ? लेकिन, जो भी हो या तो बुरी, है या अच्छी है । बुराई और अच्छाई दोनों हमारे लिए मायने रखता है परंतु अगर हम उसकी अच्छाई देखते हैं तो शायद हमें जीना