जादूगर जंकाल और सोनपरी (11) - अंतिम भाग

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जादूगर जंकाल और सोनपरी बाल कहानी लेखक.राजनारायण बोहरे 11 यह नजारा देख शिवपाल ने देर नही की वह अपनी किलकारी तलवार को हाथ में ले बेधड़क गुफा में घुस गया। मुख्य गुफा खूब बड़े कमरे के समान थी, जिसमें आस पास छोटी-छोटी गुफाऐं बनी हुई थी। मुख्य गुफा में सामने ही एक चौकोर चट्टान पर एक विशाल चमकती सफेद बड़ी सी गोल गेंद थी जिसमें से रोशनी निकल रही थी यह चंद्र्र मणि थी जिसके भीतर से चंद्रमा की तरह की चांदी जैसी रोशनी लप्प-लप्प हो रही थी। शिवपाल ने आव देखा न ताव उस मणि पर अपनी जादुई