नाक ऊँची हो गई

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नाक ऊंची हो गई एक दिन अचानक तेज हवाएँ चलने लगी। आँधी में पास पास उगे गेहूं और चने के पौधे बुरी तरह से हिल गये। और अचानक चने का पौधा जा टकराया गेहूं से। तुरंत अपने आप को संभाला। सोरी कहने ही वाला था पर गेहूं तो गुस्से में उबाल खा रहा था।“ ओए तू ठिगने , तेरी ये मजाल “ ।चना भी मुकाबले में आ गया - तू अपने आप को समझता क्या है पतलू कहीं का । अलसी ने बीच बचाव करने की कोशिश की – “ गेहूं भाई उन्होंने कौन सा जान बूझकर किया