दीवाली का उपहार

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पिया और उसके परिवार को ‘आकाश-गंगा’ सोसाइटी में शिफ्ट हुए एक महीना ही हुआ था। यह सोसाइटी शहर के बाहर बनी एक नई सोसाइटी थी। पिया के पापा ने अपनी कुछ जमा पूंजी तथा बैंक-लोन दोनों पैसों मिलाकर यहां एक घर खरीदा था। यह सोसाइटी बहुत सुंदर थी तथा सभी तरह की आधुनिक सुविधाओं से भी परिपूर्ण थी परंतु पिया की मां का मन अभी तक इस सोसाइटी में नहीं लगा था। यहाँ अभी तक उनकी किसी पड़ोसी से अच्छी तरह जान पहचान भी नहीं हुई थी। कई बार तो उन्हें ऐसा प्रतीत होता था यहां के लोग कुछ घमंडी हैं तथा