ये कैसी राह - 2

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एक मां के हृदय की पीड़ा कौन समझ सकता है….? उस मां की जिसका पुत्र बिना कुछ कहे….! बिना कुछ बताए….! अचानक घर से चला जाए। उस पीड़ा का सिर्फ अनुमान ही किया जा सकता है सामने के व्यक्ति के द्वारा। कोई दूसरा इसे नही समझ सकता। माई अपने आप को असहाय महसूस कर रही थी। एक बेटा कोसो दूर था तो एक बेटा घर से अचानक चला गया। पति तो बहुत पहले ही अकेला छोड़ कर स्वर्ग सिधार गए थे। वो सहारा भी ढूंढे तो कहां? कांता कभी बाहर नहीं जाती थी। उसके बच्चे भी अभी छोटे थे। फिर भी कांता जो कुछ सास के लिए, इस घर के लिए कर सकती थी, कर रही थी।