जादूगर जंकाल और सोनपरी (8)

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जादूगर जंकाल और सोनपरी बाल कहानी लेखक.राजनारायण बोहरे 8 शिवपाल ने आव देखा न ताव एक ही वार में गोरिल्ला का सिर काट दिया। जमीन पर गिर रहे गोरिल्ला के बदन से अचानक एक देवता जैसा बहुंत गोरा और राजसी वस्त्रों से सजा हुआ व्यक्ति प्रकट हुआ और हाथ जोड़ कर शिवपाल से बोला- हे महापुरूष आपको धन्यवाद। मेरा नाम अश्विनकुमार है! मैं परीलोक का पहरेदार हूं यह जादूगर मुझे पकड़ कर यहां ले आया है और यहां गोरिल्ला बना कर पहरेदार बना कर रख दिया है यहां इस जादूगर की करामात से मुझ जैसे दस और परीलोक