आगाज़

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"आगाज़" पुलिस की वर्दी में ड्यूटी पर जाने को तैयार अपनी बेटी से माँ ने पूछा ," क्या हुआ कुछ सोचा तूने ?" " सोचना मुझे नहीं आपको है माँ ! " फिर कुछ पल की खामोशी के पश्चात ..बेटी ने माँ की ओर मुखातिब होकर कहा , "अच्छा एक बात बताओ माँ ! तुम जो सामाजिक उत्थान से ओत प्रोत कहानियाँ लिखती हो या फिर जो दिव्यांगों की बेहतरी के लिए काम करती हो सच में उसमें जीती भी हो या फिर वैसे ही ... !" " जीती भी हूँ... और नहीं भी !" " मतलब आधा-आधा ! "