कर्म पथ पर - 50

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कर्म पथ पर Chapter 50बृजकिशोर गांव के कुछ अन्य लोगों के साथ आए थे। वह सब नाराज़ लग रहे थे। भुवनदा ने उन्हें बैठाते हुए कहा,"आप लोगों को जो कुछ भी कहना है ‌वह इत्मिनान से बैठ कर करिए। इस तरह से नाराज़ होने की क्या जरूरत है।"सभी लोग बैठ गए। बृजकिशोर ने गुस्से में कहा,"देखिए वासुदेव जी आप अपनी भतीजी सावित्री को समझा लीजिए। हम अपनी परंपराओं में किसी का दखल नहीं सहेंगे। आपकी भतीजी