जुलाई के पहले हफ्ते में सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश मौसम को रंगीन बना रही थी | कुछ समय के लिए ही सही चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत तो मिली | यह सोचते हुए कुणाल कोल्ड कॉफ़ी का आखिरी घूंट पी कर गिलास को टेबल पर वापिस रख देता है | वह पिछले एक घंटे से इस रेस्टोरेंट में बैठा दूसरी बार कॉफ़ी पी रहा था | उसकी नजर बार-बार कांच की खिड़की से बाहर की ओर सड़क पर जा रही थी | वह एक बार फिर से तान्या का नंबर मिलाता है | इस बार भी पहले