काश ! में समज पाता - 3

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कुछ महीने बाद प्रेरणा फिर से एक बार खुश खबरी सुनाती है हीचकिचाहट के साथ और फिर से चेकप कराती है इस बार ईश्वर की कृपा से वह नन्ही सी जान बेबी बॉय था । घर में अब सब बहुत खुश है किन्तु प्रेरणा अब भी खुद को गुनेगार मान रही है , प्रणव उसे समजा रहा है की ,"अब सब कुछ ठीक हो जाने पर पुरानी बाते भूल जाओ ।" बातो में यू ही वक़्त बीतता गया । आखिर कार प्रेरणा ने एक बेटे को जनम दिया और पूरा