तीन औरतों का घर - 3

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तीन औरतों का घर - भाग 3 अभी तक साबिर पिछली मुलाक़ातों के गुणा भाग करके ही हामिदा के दिल का हाल समझने की कोशिश कर रहा था! हामिदा भी उसे चाहती हैं या नहीं? इसी उधेड़बुन में दो तीन दिन निकल गए! साबिर के दिन बेचैनी में कटते और रातें हामिदा के ख्याल में! "क्यों न मैं ही हामिदा के घर जाकर उसकी अम्मी और फूफी से निकाह की बात कर लूँ!" यह सोचकर ही उसे पसीना आ गया और पिछले दिनों की बात उसके दिमाग में कौंध गई! दो महीने पहले ही वह हामिदा के घर कढ़ाई के