बस नमक ज़्यादा हो गया प्रदीप श्रीवास्तव भाग 1 उसके पेरेंट्स कभी नहीं चाहते थे कि वह स्कूल-कॉलेज या कहीं भी खेल में हिस्सा ले। लेकिन वह हिस्सा लेती, अच्छा परफॉर्म करके ट्रॉफी भी जीतती। और मां-बाप बधाई, आशीर्वाद देने के बजाय मुंह फुला कर बैठ जाते थे। कॉलेज पहुंची तो यह धमकी भी मिली कि पढ़ना हो तो ही कॉलेज जाओ, खेलना-कूदना हो तो घर पर ही बैठो। लेकिन वह कॉलेज में चुपचाप पढ़ती और खेलती भी रही। धमकी ज़्यादा मिली तो उसने भी मां से कह दिया कि, ‘कहो तो घर में रहूं या छोड़ दूं। दुनिया खेल