प्रेमचंद शैली में राज बोहरे - रूपेंद्र राज

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गद्य साहित्य में कहानियों का इतिहास लगभग सौ वर्ष पुराना है.हिंदी साहित्य में जो स्थान मुंशी प्रेमचंद को मिला वहां तक का सफर अभी तक किसी कहानीकार द्वारा तय नहीं किया गया . जाहिर सी बात है इन सौ वर्षों में कहानी की विधा में आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं .इन परिवर्तनों के साथ साहित्यकार अपने लेखन को