रावण_का_पुतला

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#रावण_का_पुतला कस्बों गाँवो में दशहरे का अलग ही माहौल होता है। मेले, मिठाई और मजा मस्ती । रावण के अहंकार और राम की मर्यादा से लोगो को कोई खास लेना देना नही होता , गरमा गरम समोसा और जलेबी ही इस त्योहार की पहचान होते हैं। ऐसे ही एक दशहरे पर रावण दहन से एक दिन पहले शाम को मैं खरीदारी करके घर लौट रहा था कि चौथमल जी की दुकान के पीछे अँधेरे में मुझे कुछ हलचल दिखी। चौथमल जी कस्बे भर के फैमिली हलवाई थे, मुंडन से लेकर श्राद्ध तक कि भोजन व्यवस्था वे ही करते थे। दुनिया चांद पर