प्रिय पाठकों मेरा सादर प्रणाम, मैं रनजीत कुमार तिवारी अपनी आत्म कथा आप लोगो से साझा कर रहा हूं।जो मेरी जिंदगी के कुछ खट्टे मीठे यादों के झरोखों से है। मैं एक साधारण ब्राह्मण परिवार से हूं मेरा परिवार छोटा है। सब खुश हैं और अपने जिवन का गुजारा चल रहा है। कुछ ऐसी घटनाओं को मैंने महसूस किया अपने जीवन में जो आपसे साझा कर रहा हूं।बात उस समय की है जब मैं छोटा था यही कोई मैं पहली या दुसरी कक्षा में पढ़ता था।मेरे एक चचेरे बाबा थे उनका कोई नहीं था नाम श्री रामसागर तिवारी