रत्नावली-रामगोपाल भावुक

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रत्नावली-रामगोपाल भावुक आदरणीय सडैया जी, सादर प्रणाम। आपके आदेशानुसार मैंने रत्नावली उपन्यास का अध्ययन किया । इसे मैने पूरी गंभीरता से पढा यद्वपि इस मेंरेप ास पढने क लिए चर्चीत पुस्तकें रखी है । जिनमे मैत्रेयी पुष्पा का उपन्यास अल्मा कबुतरी श्री लाल शुक्ल का बिश्ररामपुर कासंत ज्ञान चर्तुवेदी का बारामासी जैसे चर्चीत उपन्यास शमिल है। पर मैने सर्वप्रथम रत्नावली ही पढा आपका आदेश इसका एक बढा कारण था। फिर तुलसी मेरे प्रिय कवि है । इस कारण रत्नावली चऱित्र से भी प्रिय लगता है । और तिसराका रण ग्वालियर संभाग क ेलेखको खासकर उपन्यास लेखको का सामने हो ना