दो पागल - कहानी सपने और प्यार की - 2

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हेल्लो दोस्तो केसे हो आप लोग । अगर आपने इस कहानी का अगला अंक नहीं पढा है तो पहले उस अंक को पढलो ताकी आपको यह अंक समझ आए अगर आपको यह कहानी अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेर करना ना भुले। START THIS PART शुरु करते है वहीं से जहा पे रुके थे। जीज्ञा के परिणाम की रात को। रात के लगभग नो बज रहे थे। पोल में एकदम शांति थी। गीरधनभाई का पुरा परिवार आज एक साथ बेठकर अपने डाइनींग टेबल खाना खा रहा था ।