कर्म पथ पर - 43

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कर्म पथ पर Chapter 43 हिंद प्रभात फिर से आरंभ हो गया था। हालांकि ‌अभी पहले की तरह काम नहीं हो पा रहा था। अभी हफ्ते में केवल दो बार ही चार पृष्ठों का अखबार निकल पा रहा था। उसकी भी कुछ प्रतियां छप रही थीं। जिन्हें बड़ी सावधानी के साथ गुपचुप कुछ नियमित पाठकों तक पहुँचाया जा रहा था।इस समय वृंदा लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में अंग्रेज़ों के विरुद्ध मोर्चा चला रहे लोगों की कहानियों को