मुझे वापस बुला लो

  • 7.5k
  • 1
  • 1.8k

"शब्द मेरे हैं पर भाव शायद आपके मन के भी वहीं हो जो मेरे मन के"आनंद मूवी में राजेश खन्ना का एक डॉयलोग था बाबू मोशाय "जिंदगी और मौत उपर वाले के हाथ में है जहांपनाह, जिसे ना आप बदल सकते हैं ना मैं। हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं, जिसकी डोर उपर वाले के हाथ बंधी हैं, कब, कौन, कैसे उठेगा, ये कोई नहीं जानता।"मौत तू एक कविता है मुझसे इक कविता का वादा है मिलेगी मुझको डूबती नब्जों में जब दर्द को नींद आने लगे... तो इस डोर को खींचने का अधिकार आपको या मुझे किसने दिया आनंद मरा