प्रेम दो दिलो का - 9

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निर्मल का इन्तजार कर लो नीरू रमा से कहती है।रमा नीरू से कहती है नीरू मेरे लिये निर्मल से बात करके देख ना एकबार वो तुम्हे पढाता है तुम उससे बात कर तो सकती हो ।नीरू कहती है हा कर सकती हूँ ।निर्मल का इन्तजार किया जाता है जैसे वह दूर से दिखने लगता है ।आज नीरू बात कर ले मेरी बहन ,निर्मल जब बाग में पहुचता है रमा की तरफ देख कर कहता है क्या बात हो रही थी दोनो सहेलियो की, रमा कहती है कुछ तो नही।नीरू निर्मल की तरफ देखते हुए कहती है आपकी ही बाते हो