राजकुंवर

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राजकुंवर --“बा को आय हती रे?” छोटे महाराज ने भारी आवाज में पूछा। --“को महाराज?” मद्दू पहलवान ने चौंककर पूछा। छोटे महाराज ने तनिक तल्खी से पीछे देखा। --“जीसें कुंवर ने बात करी ती।“ --“बा मोड़ी, हितिया काछी की आ महाराज।“ छुट्टन पहलवान बोला। --“जो कछिया ऐतै का करत रेलवे स्टेशन में?” --“फल-तरकारी की ठिलिया लगाउत ऐते महाराज।“ छुट्टन फिर बोला। --“हूंऊंऊं ……..ईके फल तो पक गये, हमें खबर लो ना भई!” छोटे महाराज फुसफुसाये, --“तोम औरे तो खाऔ पियौ औ गर्राऔ।“ छुट्टन और मद्दू ने एक दूसरे को देखकर आंखें नीची कर लीं, फिर अपनी-अपनी बंदूक पर हाथ फेरते