एक कटु सत्य

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एक कटु सत्य बारह बज गए हैं, अभी तक काम करने वाले नौकरानी नहीं आई । सारा काम पड़ा है ,नीला को समझ में नहीं आ रहा है कि वह कहाँ से काम शुरू करे । पता नहीं कैसे ये लोग इतना सारा काम घंटे भर में निपटा कर चली जाती हैं...नीला अभी सोच ही रही थी कि घंटी बजी । दरवाजा खोला तो देखा पार्वती खड़ी है । उसे देखकर नीला ने यह सोचकर चैन की सांस ली कि काम से छुट्टी मिली ...फिर भी बनावटी क्रोध ने पूछा … ' आज देर कैसे हो गई ? '