आजादी - भाग 4

  • 6.6k
  • 2.3k

राहुल कुर्सी पर बैठे बैठे ही सो गया था । पता नहीं कितनी देर तक वह ऐसे ही सोया रहा । अभी वह नींद में ही था कि तभी उसे ठण्ड का अहसास हुआ और कुर्सी पर बैठे बैठे ही उसने पैर ऊपर करके खुदको और सिकोड़ लिया और फिर से सोने का प्रयत्न करने लगा । लेकिन ठण्ड के मारे उसकी नींद उचट गयी थी । बड़ी देर तक वह वैसे ही पड़े पड़े सोने का प्रयत्न करता रहा लेकिन कामयाब नहीं हुआ । नींद उचटने की वजह से उसे रोना आ रहा था । उसके जेहन में कौंध