सुशांत सिंह तुम नहीं जा सकते

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यहां सफलता ही कलाकार की एकमात्र पहचान है, ईसके अतिरिक्त कलाकार के जीवन का कोई मूल्य नहीं।फ़िल्म उद्योग के इस मंत्र ने कई संवेदनशील कलाकारों की हत्या की है। सुशांत सिंह आज इसी घटिया मानसिकता के शिकार बनें।मुझे लग ही रहा था कि बड़े कलाकारों की भीड़ में यह संवेदनशील और प्रयत्नशील सितारा ज़्यादा समय तक अपनी रौशनी नहीं बिखेर पाएगा, पर इस प्रकार की जान हानि की करुणातिका का स्वप्न में भी विचार नहीं किया था।टीवी सिरियल देखने का संयोग रोज़ तो नहीं बनता था पर 'पवित्र रिश्ता' में जब सुशांत और अंकिता को देखा तो लगा ये अपने