परिचय: क्या कभी आपने सोचा है, की किंचित ऐसी कितनी बातें होगी तो केवल और केवल आप जानते है। मनुष्य के दिमाग़ में ऐसे सहस्त्रों रहस्य होते हैं, जिन्हें वह अपने अंतः मानस में सहेज कर रखता हैं, कभी किसी को भी नहीं बताता हैं, और न ही संप्रेषित करता है।मगर अगर आपको कह दिया जाए की एक ऐसी अदभुत तकनीक का आविष्कार हो चुका है, जो कहीं दूर-दराज के स्थान से केवल आपके दिमाग़ में चल रही तरंगों को आधार बनाकर यह पता लगा लेंगी की आपके दिमाग़ में क्या चल रहा है, तो आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी? मेरे प्रिय पाठकों ऐसी