ये बेवफाइयां

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ये बेवफाइयां मेरे दोनों शौहर आपस में भिड़े पड़े थे और मैं तकिए के गिलाफ में बूटें काढ़ती हुई मजे ले रही थी। दोनों का झगड़ा कई-कई जावियों पर चल रहा था। मुँह जबानी भी, हाथापाई भी और अदालती भी। खूब गले फाड़े जाते, पेशियां ढोई जातीं, मुक दमे लादे जाते। मगर क्या था, थक-हार कर जज भी हथियार डाल देता। मन-माफिक कोई फैसला न कर पाने पर वे भी हाथ झाड़ लेते और फैसले के सारे अख्तियारात मुझे थमा देते। बीच-बीच में मुल्ला-काजी भी हाथ-पांव चला लेते और मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड की तरफ मुआमला खींच ले जाते। मगर