अरे! ये लड़का तो बिलकुल निशांत जैसा लग रहा है, बल्कि निशांत ही तो नहीं ... हाँ हाँ पक्का निशांत ही है.. । मगर ये यहाँ ...इस तरह.? दिल जैसे यकीन नहीं करना चाह रहा था। उसने आँखों से पूछा, "तुमने गलत तो नहीं देखा न ?""लो भला! अब हम निशांत को नहीं पहचानेंगी क्या, इतनी कम भी नहीं हुई हमारी रौशनी।""लेकिन निशांत होता, तो नमस्ते करने की बजाय ऐसे आँख चुराकर अंदर क्यों चला जाता ।""आँख चुरा कर ही न, इसी से समझ आ जाता है कि वही है।अगर कोई और होता तो आँख क्यों चुराता। जाहिर है, वो