साइबर क्राइम - 2

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साइबर क्राइम– भाग दो आर० के ० लाल मैं अगले दिन ठीक समय पर पहुंच गया, जब मैं वहाँ पहुँचा तो मुझे इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि जिसके पास मैं जा रहा हूँ वो कौन है। मैं तो सोच रहा था कि कोई सर होंगे जिन्हें सिर्फ अपने काम से मतलब होगा और कुछ नहीं। मगर जब मैं मैनेजर के केबिन में गया तो वहां एक मैडम बैठी थीं। जब मैं उन मैडम से मिला तो मैं उन्हें देखता ही रह गया। लगभग तीस साल की निहायत खूबसूरत लड़की थी वह। बड़ी बड़ी काली आँखें, दूध