होने से न होने तक - 22

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होने से न होने तक 22. एक महीने के भीतर ही यश के सिंगापुर शिफ्ट हो जाने की बात तय हो गयी थी। मेरी ऑखों में ऑसू तैरने लगे थे,‘‘तुम मुझसे छिपाते रहे यश। इसीलिए गए थे तुम सिंगापुर।’’ ‘‘हम लोग बिज़नैस मैटर्स तय करने के लिए ही गए थे अम्बि। पर बिलीव मी मेरे वहॉ शिफ्ट होने की बात नहीं थी। असल में मम्मा वहॉ जाना चाहती थीं। वहॉ हमारी मौसी का परिवार है। मॉ और मौसी मिल कर बिग स्केल पर इण्डियन सामान के साथ फैशन स्टोर खोलना चाहती थीं। कुछ मशीनरी टूल्स के प्रोडक्शन की भी बात